मेरा नाम नीरज चोपड़ा है और यह मेरी कहानी है। मेरे पिताजी एक साधारण कारोबारी थे और हम एक छोटे से शहर में रहते थे। बचपन में ही मुझे कुछ अलग करने की ख्वाहिश होती थी। मेरे सपनों को पूरा करने के लिए मैंने कठिनाईयों का सामना किया और अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होने का निश्चय किया।
मैंने अपनी ऊर्जा को कारोबार में निवेश करने का निर्णय लिया और अपना खुद का पाठशाला खोलने का फैसला किया। फिर शुरुआती में तो काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन मैंने कभी निराश नहीं हुआ और हर जटिलता का सामना किया।
मुश्किलों का मुकाबला करने के बावजूद, मेरे पाठशाला का छात्रों को प्रशिक्षण देने का काम बढ़ गया और वे अपनी परफेक्शन का रंग दिखा रहे थे। मेरी पाठशाला जल्द ही शहर की प्रमुख परीक्षाओं में सर्वोच्च रैंक दिलाने के लिए जानी जाने लगी।
वक्त बिताते हुए, मैंने अपनी पाठशाला को और अधिक बढ़ाने के लिए देश भर में शाखाएं खोलीं। अब मेरी पाठशाला उच्च गुणवत्ता और बेहतर प्रदर्शन की वजह से प्रसिद्ध हो गई थी।
मैंने किसी बाधा को अपने लक्ष्य के रास्ते में कभी आने नहीं दिया और हमेशा अपने सपनों की ओर मुढ़ के आगे बढ़ाया। आजकल, चंद देशीय विश्वविद्यालयों में मेरी पाठशाला उच्चतम गुणवत्ता प्रदान करने के लिए मशहूर हो गई है। यह सब उन दिनों के बल पर हुआ जब मैंने सही समय पर सही निर्णय लिए और मैंने हार नहीं मानी।
यह कहानी मेरे जीवन की एक एक मन्थन है जो मुझे बताती है कि कुछ भी संभव है, जब आपके सपनों के प्रति समर्पण हो और आप तैयार हों अपने सपनों की प्राप्ति के लिए कठिनाइयों का सामना करने के👦🀑 लिए।